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खेलों में भारत का भविष्य क्यों उज्जवल है? ये दो बड़ी खबरें भरोसा जगाती हैं
भारत सरकार ने जूनियर लेवल से ही खिलाड़ियों को ओलंपिक (Olympic) खेलों में प्रदर्शन की तैयारी शुरू करा दी है. इसके लिए टारगेट ऑफ पोडियम स्कीम यानी टॉप्स कार्यक्रम (TOPS) चलाया जा रहा है. भारत के लिए वर्ल्ड कैडेट जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड हासिल करने वाले लिन्थोई चनंबम (Linthoi Chanambam) इसी टॉप्स स्कीम का हिस्सा हैं.
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UPSC results: सफलता को पंजाबी या बिहारी के रूप में बांटना जरूरी है क्या?
हम भारतीय हैं तो फिर किसी खेल से या किसी परीक्षा के परिणाम से हम बिहारी, पंजाबी, कश्मीरी, हरियाड़वी, आसामी आदि राज्यों में क्यों बंट जाते हैं. एक तरफ तो लोग दूसरे शहर में अपनी भाषा में बात करने से कतराते हैं. दूसरी तरफ किसी छात्र या खिलाड़ी के बेहतर प्रदर्शन करने पर अपने राज्य का हल्ला बोलते हैं.
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वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ पैरालिंपिक गोल्ड जीतने वाले सुमित अंतिल और नीरज चोपड़ा में फर्क क्या है?
दो वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करके Tokyo Paralympics 2020 में जेवलिन थ्रो का गोल्ड मैडल जीतने वाले सुमित अंतिल इतिहास रच चुके हैं मगर क्या उन्हें वैसा और उतना ही सम्मान मिल रहा है जिसके वो हक़दार हैं? सवाल थोड़ा तीखा है, लेकिन पूछना बनता है कि क्या उन्हें भी उसी तरह सिर आंखों पर बैठाया गया है, जैसा नीरज चोपड़ा को?
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'नीलामी' की बात कर पीएम मोदी नीरज, सिंधू लवलीना के अलावा देश का भी दिल जीत चुके हैं!
नीरज चोपड़ा के भाले, सिंधू के रैकेट और लवलीना के ग्लव्स की नीलामी करवाने की बात कहकर एक बार फिर पीएम मोदी दिल जीतते नजर आ रहे हैं. साफ़ है कि उन्होंने खिलाड़ियों को इतिहास रचने का मौका दिया है और कहीं न कहीं ऐसा करके वो खिलाड़ियों के और नजदीक आ गये हैं.
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नीरज चोपड़ा को चूरमा और पीवी सिंधू को आइसक्रीम खिलाकर पीएम मोदी ने क्या संदेश दिया?
नीरज चोपड़ा को चूरमा पीवी सिंधू को आइस क्रीम खिलाकर पीएम मोदी ने वो कर दिया है जो 70 साल में कभी नहीं हो पाया. बात सीधी और साफ़ है 70 साल लग गए देश और खिलाड़ियों दोनों को ये समझने में कि एक खिलाड़ी ही देश की असली धरोहर होता है.
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